
क्या आपको भी पेशाब करते समय जलन और हल्का दर्द महसूस होता हैं? तो ये यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण हो सकते है। पर घबराने की कोई बात नहीं है, इससे ठीक करना आसान है।
नमस्ते, मेरा नाम मनीषा सिंह है, और आज मैं आपको मेरे अपने अनुभव से बताना चाहती हूँ की आप यूरिन इन्फेक्शन को कैसे हरा सकते हैं।
कुछ समय पहले की बात है, मुझे बार-बार टॉयलेट जाने की समस्या हो रही थी। पेशाब करते समय जलन और हल्का दर्द महसूस होता था। डॉक्टर ने कहा की यूरिन इन्फेक्शन है, कई साड़ी दवाइयां भी दी, जिससे थोड़ी राहत तो मिली, लेकिन समस्या ख़त्म नहीं हुई, बस बार-बार लौट आती थी।
एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे बताया कि यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे बहुत अच्छे माने जाते हैं। शुरुआत में थोड़ी हिचकिचाहट हुई, लेकिन जब मैंने गोखरू का काढ़ा पीना शुरू किया, तो कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगा। जलन कम हो गयी, आरामदायक पेशाब और शरीर में हल्कापन आ गया।
क्या आप भी अब यही सोच रहे हो की “आखिर ये गोखरू क्या है और इसमें ऐसा क्या खास है?”
आइए, जानते हैं विस्तार से कि यह क्या है, इसके फायदे, उपयोग और यह महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित है।
गोखरू क्या है?
गोखरू (Tribulus terrestris) एक छोटा पौधा है जो जमीन पर फैलकर उगता है। इसके छोटे-छोटे कांटेदार फल और बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में इसे “गोक्षुर” कहा गया है।
इसका स्वाद थोड़ा कड़वा-मीठा होता है और इसका स्वभाव ठंडा माना जाता है।
गोखरू शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, सूजन कम करने और मूत्र प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
इसी कारण, आयुर्वेद में इसका उपयोग पथरी, मूत्र रुकावट, जलन और यूरिन इन्फेक्शन जैसी समस्याओं में किया जाता है।
यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे
यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे अनेक हैं। यह सिर्फ लक्षणों में आराम नहीं देता, बल्कि अंदर से शरीर की मूत्र प्रणाली को मजबूत बनाता है। आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख लाभ:
1. जलन और सूजन से राहत
यूरिन इन्फेक्शन के दौरान पेशाब करते समय अक्सर जलन, चुभन और दर्द महसूस होता है।
गोखरू में मौजूद प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) तत्व इस जलन और सूजन को कम करते हैं।
नियमित सेवन से पेशाब करते समय आराम महसूस होता है और मूत्र मार्ग की सूजन धीरे-धीरे ठीक होती है।
2. प्राकृतिक डाइयूरेटिक (मूत्रवर्धक)
गोखरू एक प्राकृतिक डाइयूरेटिक है, यानी यह शरीर से अतिरिक्त पानी और विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
इससे न केवल टॉक्सिन्स फ्लश आउट होते हैं, बल्कि संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं।
इस कारण गोखरू का सेवन यूरिन इन्फेक्शन में बेहद लाभकारी माना जाता है।
3. संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया पर नियंत्रण
यूरिन इन्फेक्शन (UTI) का सबसे आम कारण E. coli जैसे बैक्टीरिया होते हैं।
गोखरू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण इन बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने और संक्रमण के फैलाव को कम करने में मदद करते हैं।
इसका नियमित सेवन संक्रमण की गंभीरता को कम कर सकता है।
4. किडनी और मूत्र मार्ग की सफाई
गोखरू काढ़ा के फायदे में से एक सबसे महत्वपूर्ण है, किडनी और मूत्र मार्ग की गहराई से सफाई।
यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और किडनी को स्वस्थ रखता है।
नियमित रूप से गोखरू काढ़ा पीने से मूत्र संक्रमण की संभावना कम होती है और पेशाब से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है।
5. बार-बार यूरिन आने की समस्या में आराम
कई बार यूरिन इन्फेक्शन के दौरान बार-बार पेशाब लगने की समस्या होती है।
गोखरू के सेवन से यह आदत धीरे-धीरे नियंत्रित होती है, क्योंकि यह मूत्राशय की मांसपेशियों को शांत करता है और शरीर में संतुलन लाता है।
6. महिलाओं के लिए गोखरू कितना सुरक्षित है
बहुत से लोग पूछते हैं, “महिलाओं के लिए गोखरू कितना सुरक्षित है?”
तो जवाब है, हाँ, बिल्कुल सुरक्षित है (सामान्य मात्रा में)।
महिलाओं में UTI पुरुषों की तुलना में ज़्यादा होता है। ऐसे में गोखरू के फायदे महिलाओं के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
यह न केवल मूत्र संक्रमण से बचाव करता है, बल्कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है।
हालांकि, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं गोखरू का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
गोखरू का उपयोग कैसे करें
यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है:
- गोखरू काढ़ा:
एक चम्मच सूखा गोखरू लेकर 2 कप पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो छान लें।
इसे हल्का गुनगुना करके दिन में दो बार पिएं।
इससे किडनी और मूत्र प्रणाली की सफाई होती है। - गोखरू पाउडर:
आधा चम्मच गोखरू चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकते हैं।
यह शरीर की सूजन और जलन कम करने में मदद करता है। - गोखरू कैप्सूल या टैबलेट:
आजकल कई आयुर्वेदिक ब्रांड्स इसे कैप्सूल के रूप में भी देते हैं, जो आसानी से लिया जा सकता है।
लेकिन कोई भी सप्लीमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर या वैद्य की सलाह लें
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद मानता है कि यूरिन इन्फेक्शन का इलाज सिर्फ दवा से नहीं, बल्कि जीवनशैली से भी जुड़ा होता है।
कुछ प्राकृतिक तरीके जिनसे आप जल्दी राहत पा सकते हैं:
- दिनभर कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
- पेशाब रोकने की आदत छोड़ें।
- ज्यादा मसालेदार और तली हुई चीज़ों से परहेज करें।
- नारियल पानी, जौ का पानी, और गोखरू काढ़ा अपने डाइट में शामिल करें।
- हल्का, सुपाच्य भोजन लें और शरीर को ठंडा रखें।
इन छोटे-छोटे बदलावों से गोखरू का असर और भी बढ़ जाता है और शरीर स्वाभाविक रूप से ठीक होने लगता है।
सावधानियां
- अगर आप किसी एलर्जी या दवा का इलाज ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- ज़रूरत से ज्यादा मात्रा में सेवन न करें।
- गर्भवती महिलाओं के लिए बिना सलाह गोखरू का उपयोग नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
आयुर्वेद में कहा गया है, “प्रकृति में हर रोग का उपचार छिपा होता है।”
गोखरू उसी सिद्धांत का एक सुंदर उदाहरण है।
यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे सिर्फ लक्षणों में राहत नहीं देते, बल्कि मूत्र प्रणाली को अंदर से मजबूत बनाते हैं।
अगर आप भी बार-बार यूरिन इन्फेक्शन, जलन या पेशाब की रुकावट जैसी समस्या से परेशान हैं, तो आयुर्वेद की इस जड़ी-बूटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
हालांकि, किसी भी जड़ी-बूटी या औषधि का सेवन शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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